मुंबई
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल (एसटी) के कर्मचारियों के खिलाफ सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए राज्यभर के 376 कर्मचारियों के निलंबन की कार्रवाई की है। परिवहन विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से आम आदमी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की हालत दयनीय हो गई है। मंगलवार को एसटी कर्मचारियों का 13वां दिन था। हड़ताली कर्मी राज्य सरकार के साथ महामंडल के विलय की मांग कर रहे हैं। हड़ताल से निपटने के लिए सोमवार को सरकार ने निजी बसों, स्कूल बसों, माल वाहनों और अनुबंध कैरिज बसों को यात्रियों को ले जाने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं हुआ।
कर्मचारियों की मांग को लेकर सरकार ने एक समिति का गठन किया है। इसके बाद भी वे हड़ताल वापस लेने को तैयार नहीं हैं। हड़ताल वापस न लेने पर अड़े एसटी कर्मचारियों को पिछले दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट ने फटकार लगाई थी। न्यायमूर्ति एस जे काथावाला और न्यायमूर्ति एस पी तावड़े की अवकाश पीठ ने अपने आदेश में कहा कि एमएसआरटीसी के कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल-आंदोलन वापस लेने के लिए जो मांग की थी, महाराष्ट्र सरकार उस पर विचार कर रही है, तो फिर हमें समझ में नहीं आता कि एसटी के कर्मचारी अब किस बात पर अड़े हैं? पीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने एसटी कर्मचारियों की मांग के संबंध में पूरा सहयोग किया है।
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