केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को ऐसे किसी प्रस्ताव के होने से इनकार किया है जिसके तहत सांसदों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला दिलाने वाला कोटा फिर से बहाल किया जा सके। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मौजूदा समय में केंद्रीय विद्यालयों में संसद सदस्यों के बच्चों के प्रवेश के लिए कोटा को फिर से बहाल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। केवी मुख्य रूप से रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों, केंद्रीय स्वायत्त निकायों, पीएसयू और केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थान (आईएचएल) सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खोले गए हैं।’केंद्र सरकार ने पिछले साल केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सांसदों समेत अन्य कोटे को समाप्त कर दिया था। ऐसा करने का उद्देश्य केंद्रीय वित पोषित स्कूलों में 40,000 से अधिक सीटें खाली करना था।
देश में 1,200 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिसमें 14.35 लाख छात्र पढ़ते हैं। लोकसभा के 543 और राज्यसभा में 245 सांसद सामूहित रूप से कोटा के तहत एक वर्ष में 7,880 प्रवेश की सिफारिश कर सकते हैं। विशेष प्रावधानों के तहत 10 बच्चों की सिफारिश का मामला सांसदों के विवेक पर छोड़ दिया गया है। इसके अलावा जिला अधिकारी स्पॉन्सरिंग ऑथोरिटी कोटा के तहत 17 छात्रों के नाम का प्रस्ताव दे सकते हैं।
सांसदों के बच्चों को केवी में दाखिला देने से जुड़ा कोई प्रस्ताव नहीं, मंत्री ने सदन में कही ये बात
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