डाटा सुरक्षा सुनिश्चित करने और साइबर हमलों से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डाटा सुरक्षा और मरीजों की गोपनीयता को साइबर खतरों से बचाने के लिए भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) की मदद ली है और कई अहम फैसले लिए गए हैं। बचाव के लिए CERT-In ने विभिन्न उपाय भी किए हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने लोकसभा में दी है। एक लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री बघेल ने कहा कि सीईआरटी-इन ने साइबर खतरों से बचाव के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि सीईआरटी-इन द्वारा जारी एडवाइजरी को अनुपालन के लिए देश में सभी अधिकृत चिकित्सा देखभाल संस्थाओं और सेवा प्रदाताओं को प्रसारित की जाती है। उन्होंने कहा कि इनमें नए साइबर खतरों या कमजोरियों और जवाबी उपायों पर सलाह, सरकारी संस्थाओं और विशेष रूप से स्वास्थ्य, डाटा और नेटवर्क सुरक्षा और पहचान और पहुंच प्रबंधन, एप्लिकेशन सुरक्षा, थर्ड-पार्टी आउटसोर्सिंग, सख्त प्रक्रियाएं, सुरक्षा निगरानी के लिए सूचना सुरक्षा प्रथाओं पर एडवाइजरी शामिल हैं। बघेल ने कहा कि सीईआरटी-इन द्वारा किसी भी साइबर सुरक्षा घटना को उजागर किए जाने पर उसके निर्देश और मार्गदर्शन के अनुसार उपचारात्मक कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी प्रभागों में सीईआरटी-इन और एनआईसी के परामर्श से साइबर सुरक्षा मॉक ड्रिल भी आयोजित की जाती है। बघेल ने कहा कि मंत्रालय ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) शुरू किया है। इस मिशन के तहत, देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर और नागरिकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (ईएचआर) बनाने के लिए आवश्यक रीढ़ विकसित करना है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने डिजिटल स्वास्थ्य एप्लीकेशन के संचालन को नियंत्रित करने के लिए कई दिशा निर्देश और नोटिफिकेशन जारी की हैं, जो एबीडीएम इकोसिस्टम के साथ एकीकृत हैं।
साइबर हमलों से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह से है तैयार, CERT-In के साथ मिलकर लिए कई अहम फैसले
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