शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार, अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी, जिसमें छात्रों के पास सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने का विकल्प होगा, जबकि कक्षा 11 और 12 के छात्रों को एक के बजाय दो भाषाएं पढ़नी होंगी। मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार है और 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए इसके आधार पर पाठ्यपुस्तकें विकसित की जाएंगी। इसके तहत बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज में कहा गया है कि वर्तमान में बोर्ड परीक्षा की कठिन तैयारी को आसान बनाने के लिए परीक्षा में महीनों की कोचिंग और याद करने के बजाय दक्षताओं की समझ और उपलब्धि का आंकलन किया जाएगा। छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर मिले यह सुनिश्चित करने के लिए वर्ष में कम से कम दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। छात्र तब उन विषयों में बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं, जिन्हें उन्होंने पूरा कर लिया है और जिसके लिए वे तैयार महसूस करते हैं। उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने की भी अनुमति दी जाएगी।
सस्ती होंगी पाठ्यपुस्तकें
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