भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे को सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर वह वास्तव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडी सावरकर को लेकर दिए गए बयान को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं तो महा विकास आघाड़ी (एमवीए) से अलग हो जाएं। देश सावरकर के योगदान को कभी नहीं भूल सकता। दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को 2019 के मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता भी चली गई थी। अयोग्य करार दिए जाने के बाद राहुल ने कहा था कि मेरा नाम सावरकर नहीं है। मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से भी माफी नहीं मांगते हैं। यह टिप्पणी ‘मोदी उपनाम’ बयान को लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अपमान का आरोप लगाकर कांग्रेस नेता से माफी की मांग कर रही भाजपा के लिए की गई थी। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में एक रैली में कहा था कि वह सावरकर को अपना आदर्श मानते हैं और उन्होंने गांधी से उनका अपमान करने से बचने को कहा था। बावनकुले ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे यह कहकर सिर्फ नाटक कर रहे हैं कि सावरकर का अपमान का स्वीकार्य नहीं है, जबकि राहुल गांधी पिछले तीन साल से सावरकर को निशाना बना रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री रहने के दौरान सिर्फ अपने और अपने बेटे के मंत्री पद को लेकर चिंता थी। उन्होंने कहा कि शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने सावरकर का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं किया, लेकिन उद्धव हर दिन इसे बर्दाश्त कर रहे हैं। एमवीए 2019 के महाराष्ट्र चुनाव के बाद बना था, जो जून 2022 तक सत्ता में रहा जब ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई। इसमें शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल है। बावनकुले ने कहा कि भाजपा 30 मार्च से छह अप्रैल तक महाराष्ट्र के सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में ‘वीर सावरकर गौरव यात्रा’ निकालेगी। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के 40 विधायक भी इसमें शिरकत करेंगे।
‘सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं, तो MVA छोड़ क्यों नहीं देते?’ बावनकुले की उद्धव को सलाह
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