संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों ने सवालों को थोड़ा उलझाने वाला बताया। पहली पाली की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के मुताबिक सामान्य अध्ययन के कई सवालों के दो-तीन विकल्प सही जवाब जैसे थे। निगेटिव मार्किंग होने की वजह से अधिकतर छात्रों ने उन प्रश्नों को ही हल किया, जिनके सही जवाब मालूम थे। कुछ छात्रों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य सहित सामान्य अध्ययन के प्रश्नों का स्तर काफी ऊंचा था। शाहजहां रोड स्थित संघ लोक सेवा आयोग भवन से पहली पाली में परीक्षा में शामिल होकर लौटे छात्र विजय और अभिषेक ने बताया कि प्रश्नों का स्तर ठीक था। कई प्रश्न ऐसे थे, जिनके जवाब के विकल्पों से परीक्षार्थी कुछ देर के लिए सोचने लगे। हालांकि किसी भी विषय की बारीकी से पढ़ाई करने वाले और रोजाना समाचार पत्र पढ़ने और टीवी चैनलों पर न्यूज देखने का फायदा मिला।
सफलता के लिए प्रीलिम्स की तैयारी मेन्स के साथ करना आवश्यक : मणिकांत सिंह
द स्टडी इंस्टीट्यूट फॉर आईएएस के निदेशक मणिकांत सिंह का कहना है कि प्रीलिम्स की तैयारी मेन्स के साथ करना बेहद ही आवश्यक है। संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स परीक्षा के पैटर्न को अगर सरसरी निगाह से देखे तो वहीं अभ्यर्थी सफल होंगे जिसका पूरा टॉपिक समझा हुआ होगा। इस साल समसामयिकी से ज्यादा प्रश्न पूछे गए थे। इसी तरह करंट इक्नॉमिक्स से भी अधिक प्रश्न थे। दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्न में अगर चार में चार का उत्तर नहीं पता होगा तो फिर उत्तर देना बेहद कठिन होगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस बार कटऑफ कम ही रहने की संभावना है।प्रश्न का उत्तर देते वक्त परीक्षार्थी उलझन में भी फंस गए होंगे। इस साल इतिहास और राजनीतिज्ञ विज्ञान से प्रश्नों की संख्या कम थी। साइंस, पर्यावरण और अर्थशास्त्र से भी वैसे प्रश्न पूछे गए थे जिसका करंट अफेयर्स से जुड़ाव था। प्रश्नपत्र को देख ऐसा लग रहा है कि इस बार पिछले परीक्षा के मुकाबले कटऑफ नीचे ही रहेगा। 100 प्रश्नों में अगर कोई छात्र जो आरक्षित श्रेणी में नहीं है वह 47-50 प्रश्न भी ठीक से हल किया होगा तो उनका चयन संभव है।