पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को सभी बकाया राशि का भुगतान करने के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र ऐसा नहीं करता है तो उनकी पार्टी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी। शुक्रवार को 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने कहा, अगर केंद्र सरकार ने फंड जारी नहीं दिया तो हम बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। पश्चिम बंगाल सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र पर राज्य का प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 9,330 करोड़ रुपये, मनरेगा के तहत 6,900 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 830 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 770 करोड़ रुपये, स्वच्छ भारत मिशन के तहत 350 करोड़ रुपये और मध्याह्न भोजन के तहत 175 करोड़ रुपये बकाया है। बनर्जी ने बीते दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और बकाया राशि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने प्रस्ताव दिया कि राज्य और केंद्र के अधिकारी एक साथ बैठकर मुद्दों को सुलझा सकते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में, राज्य सरकार के अधिकारियों की टीम ने नई दिल्ली का दौरा किया और अपने केंद्रीय समकक्षों से मुलाकात की। अधिकारियों के 100 दिनों की कार्य योजना में कथित अनियमितताओं और उन्हें दूर करने के लिए किए गए उपायों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। बंगाल के अधिकारियों ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह से भी मुलाकात की। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में, ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी विधायकों ने विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था और मोदी सरकार पर केंद्रीय योजनाओं की बकाया राशि जारी करने में देरी का आरोप लगाया था। इससे पहले, टीएमसी नेताओं ने राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में महात्मा गांधी की जयंती पर नई दिल्ली के राजघाट पर विरोध प्रदर्शन किया था और केंद्र सरकार से बकाया राशि जारी करने की मांग की थी।
भाजपा नेता राहुल सिन्हा का ममता पर तंज
टीएमसी प्रमुख की प्रदर्शन की चेतावन के बाद भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा कि अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के बाद ममता इसी मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की धमकी दे रही हैं। पूर्व सांसद सिन्हा ने कहा कि लोगों से समर्थन नहीं मिलने के बाद भतीजे ने आंदोलन का आह्वान करना बंद कर दिया है। अब ममत ने उसी मुद्दे को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, जिसे जनता पहले ही खारिज कर चुकी है।