बेंगलुरु में विपक्षी दलों की एकता बैठक का असर दिखाई पड़ रहा है। जब आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए सदन से बाहर किया गया, तो पूरा विपक्ष उनके साथ खड़ा दिखाई पड़ा। विपक्षी दलों ने न केवल संजय सिंह के निष्कासन को रद्द करने की मांग की, बल्कि संसद के बाहर धरना देकर उनके समर्थन में अपनी पुरजोर आवाज भी बुलंद की। इससे विपक्षी एकता और ज्यादा मजबूत होती दिखाई पड़ रही है, जिसका असर सीटों पर समझौते में भी दिखाई पड़ सकता है। लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं की गलबहियां के बाद भी दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में एक-दूसरे को लेकर उलझन साफ दिखाई पड़ रही है। दिल्ली प्रदेश के एक शीर्ष पदाधिकारी ने अमर उजाला से कहा कि पार्टी नेतृत्व के केजरीवाल को समर्थन देने से उनकी स्थिति विचित्र हो गई है। अब वे समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें अरविंद केजरीवाल सरकार की नीतियों का विरोध करना है, या समर्थन। दिल्ली प्रदेश की टीम ने बाढ़ के दौरान अरविंद केजरीवाल सरकार का विरोध किया था। वह सरकार पर बाढ़ पीड़ितों की उपेक्षा करने का आरोप भी लगा रही है। लेकिन जिस तरह चौधरी अनिल कुमार के नेतृत्व में अब तक सरकार पर हमला किया जा रहा था, अब वह आक्रामकता दिखाई नहीं पड़ रही है। पार्टी के कई शीर्ष नेता पहले ही केजरीवाल से समर्थन के विरोध में थे। यह विरोध अभी भी निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में दिखाई पड़ रहा है। आम आदमी पार्टी के पूर्वी दिल्ली जिला इकाई के एक कार्यकर्ता ने अमर उजाला से कहा कि पिछले निगम चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का पुरजोर विरोध किया था। उनके उम्मीदवार को कांग्रेस के उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन अब जब लोकसभा चुनाव आएंगे, तो उन्हें कांग्रेस का समर्थन करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि उच्च स्तर पर नेताओं को जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के बीच उस तल्खी का अनुमान नहीं हो पाता, जिसका उन्हें सामना करना पड़ता है। ऐसे में जमीनी स्तर पर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में समर्थन हो पाना बहुत मुश्किल है। अभी लोकसभा चुनावों में लंबा समय है। अभी यह साफ नहीं है कि दिल्ली और पंजाब में दोनों दलों के बीच कोई समझौता होगा या नहीं। लेकिन जहां तक भाजपा के विरोध की बात है, वे पार्टी के हर आदेश का पालन करेंगे और इसके लिए कांग्रेस सहित चाहे जिसका समर्थन करना पड़ेगा, वे करने के लिए तैयार हैं।
आम आदमी पार्टी की कलई खुल गई- भाजपा
दिल्ली भाजपा की प्रवक्ता सारिका जैन ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है, तभी से यह बात कही जा रही थी कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस की बी टीम है। जब से दोनों पार्टियां साथ आई हैं, लोगों के मन से यह भ्रम दूर हो गया है कि दोनों में कोई भेद है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता के लिए यह शर्मनाक है कि जो अरविंद केजरीवाल कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सत्ता में आए हैं, अब वे शराब घोटाले, शिक्षा घोटाले और स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए उसी कांग्रेस का सहारा ले रहे हैं। यह साबित करता है कि विपक्षी दलों का गठबंधन भ्रष्टाचारियों का गठबंधन है। सारिका जैन ने कहा कि इन भ्रष्टाचारियों के उलट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गठबंधन देश की जनता, युवाओं, छात्रों, महिलाओं, गरीबों और किसानों के साथ है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 50 फीसदी से ज्यादा वोटों के अंतर से दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज की थी। उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार भी दिल्ली की जनता भाजपा के सभी उम्मीदवारों को 60 फीसदी से ज्यादा वोटों के अंतर से जिताएगी और नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाएगी।