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बंशी की धुन और पायल की झंकार से मथुरा का जवाहर बाग बुधवार रात को झंकृत हो उठा। मौका था ब्रज रस उत्सव का, जिसमें मथुरा की सांसद एवं मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी ने राधा बनकर महारास रचाया। जिस जवाहर बाग में कभी हिंसा की आग भड़की उठी थी, वहां भक्ति और प्रेमरस बरसा। जवाहर बाग का पत्ता-पत्ता इसका साक्षी बना। द्वापरकालीन राधा-कृष्ण की अद्भुत लीला को जीवंत होता देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। ऐसा लग रहा था मानो यमुना के तट पर सोलह शृंगार किए राधारानी के प्रिय रास बिहारी ने जैसे ही कदम रखा, वैसे ही उनकी प्रियतमा की पायल से स्वत: ही झनकार होने लगी। गोपियों के कदम थिरकने लगे। चांदनी रात में सांसद हेमा मालिनी ने जब सजधज कर महारास को साकार किया तो दर्शक श्रद्धा से ओत-प्रोत हो गए। भले ही बुधवार को मुख्यमंत्री योगी कार्यक्रम के साक्षी नहीं बन सके लेकिन उन्होंने जाने से पहले हेमा मालिनी को शुभकामनाएं दीं। एक दिन पूर्व मंगलवार को बारिश के चलते स्थगित हुए महारास की प्रस्तुति सांसद हेमा मालिनी ने बुधवार को दी। रात करीब सवा सात बजे जैसे ही महारास प्रारंभ हुआ, गीत संगीत की स्वर लहरियों में जवाहर बाग गूंज उठा।
![Hema Malini: हेमा मालिनी ने 'राधा' बन कान्हा संग रचाया महारास, बंशी की धुन पर गूंजी पायल की झनकार महारास देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक](https://spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2022/11/10/750x506/maharas_1668062128.jpeg)
हर किसी की नजर महारास पर टिक गईं। प्रस्तुति जैसे-जैसे आगे बढ़ी, दर्शक भाव-विभोर होकर उसमें खोते चले गए। जवाहर बाग में बिखरी इस अदभुत छटा दर्शकों के दिलो दिमाग पर उतरती गई। भगवान श्रीकृष्ण के इस अद्भुत महारास की प्रस्तुति देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। महारास की प्रस्तुति के दौरान दर्शकों ने तालियों बजाकर और भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे लगाते हुए उत्साहवर्धन किया। राधा स्वरूप में सजीं हेमा मालिनी के साथ मंच पर थिरकते कलाकारों ने सबका मनमोह लिया। जब तब महारास का कार्यक्रम चला, कोई अपनी कुर्सी से उठा नहीं। विगत कई दिनों से महारास की प्रस्तुति का आकर्षण लोगों पर छाया हुआ था। कार्यक्रम में चूंकि दर्शकों के लिए पास की व्यवस्था की गई थी, इसलिए कार्यक्रम का पास लेने वालों की लाइन सांसद कैंप कार्यालय में लगी रही। महारास की प्रस्तुति को अपने फोन में कैद करने के लिए जो लोग कार्यक्रम स्थल गए, उन्हें निराशा हाथ लगी। महारास की प्रस्तुति का रिकॉर्ड करने से लेकर प्रदर्शन करने का अधिकार एक चैनल को दिया गया था। मान्यता है कि द्वापरयुग में गोपियों की इच्छा थी कि वह भगवान श्रीकृष्ण के साथ रास रचाए। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों संग शरद पूर्णिमा पर रास रचाया था। इसे ही महारास नाम दिया गया। बताया गया कि सांसद हेमा मालिनी ने महारास की पूरी थीम खुद तैयार की थी। हालांकि ब्रज में हेमा मालिनी की कोई पहली प्रस्तुति नहीं थी। इससे पहले भी उन्होंने 2015 और 2018 में नृत्य प्रस्तुत किया था।