अब हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट पास विद्यार्थी की परख उसके पांच या उससे ज्यादा विषयों में प्रदर्शन के आधार पर होगी। संस्थान व नियोक्ता इसी के आधार पर उसका हायर एजूकेशन में दाखिला अथवा नियुक्ति पर फैसला लेंगे। नई शिक्षा नीति में बदलाव के कारण छात्रों के प्रदर्शन को परखने की परिपाटी बदल गई है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक भारद्वाज ने कहा कि अगर किसी छात्र ने पांच से अधिक विषयों में परीक्षा दी है तो उसे प्रवेश देने वाला इंस्टीट्यूट या नियोक्ता उसके लिए सर्वश्रेष्ठ पांच विषयों पर विचार करने का फैसला कर सकता है। उन्होंने कहा कि बोर्ड अंक प्रतिशत की गणना नहीं करता, उसकी घोषणा नहीं करता या सूचना नहीं देता। उन्होंने कहा कि अगर हायर एजुकेशन या रोजगार के लिए मार्क्स के प्रतिशत की जरूरत है तो इंस्टीट्यूट या नौकरी देने वाली कंपनी खुद ही मार्क्स की गणना कर सकती है। बताते चलें कि बोर्ड ने हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के रिजल्ट के बरसों पुराने नियम को बदलते हुए छात्रों को अब डिवीजन, रैंक या एग्रीग्रेट मार्क्स नहीं देने का निर्णय लिया है। इससे पहले सीबीएसई बोर्ड प्रशासन ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के मकसद से मेरिट लिस्ट जारी करने की प्रथा को भी समाप्त कर दिया गया था। सीबीएसई मार्कशीट आने के बाद छात्रों में नंबरों की होड़ देखने को मिलती है। कम अंक आने से अभिभावकों और आस-पास के लोग की ओर से दबाव पडऩे से उन पर मानसिक दबाव पड़ने लगता है। इस वजह से बोर्ड ने ये फैसला लिया है। इसका मकसद छात्रों को नंबर के दबाव से बचाना और तथ्यों के आधार पर पढ़ाई करने के लिए जागरूक करना है। सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से 10 अप्रैल 2024 के बीच हो सकती हैं। सीबीएसई ने फिलहाल बोर्ड परीक्षाओं की डेट शीट जारी नहीं की हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने में डेटशीट जारी कर दी जाएगी।
हेल्पलाइन नंबर पर पूछ सकते हैं सवाल
सीबीएसई ने परीक्षा से जुड़ी जानकारी के लिए छात्रों को वेबसाइट से जुड़े रहने की सलाह दी है। वहीं किसी छात्र को परीक्षा से संबंधित कोई सवाल पूछना हो तो उसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। छात्र 011-22509256-59, 22041807-08 नंबर पर कॉल कर परीक्षा संबंधित जानकारी ले सकते हैं।