Admission 2022: बोर्ड परीक्षाओं के खत्म होने के बाद अब दाखिलों का दौर शुरू हो चुका है। अभिभावक इसी चिंता में हैं कि उनके बच्चे के लिए बेस्ट करिअर ऑप्शन कौनसा होगा? इसके लिए कक्षा 11वीं से ही तैयारी करनी होगी, क्योंकि 10वीं तक तो छात्र बोर्ड के पाठ्यक्रम और राज्य की शिक्षा व्यवस्था के अनुसार निर्धारित विषयों की ही पढ़ाई करते हैं।
लेकिन 10वीं कक्षा पास करने के बाद उन्हें अपनी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण फैसला लेना होता है। उन्हें भविष्य की योजनानुसार कक्षा 11वीं में संकाय और विषय चुनने होते हैं। अधिकांश अभिभावकों और छात्रों में धारणा बनी हुई है कि इंजीनियरिंग और मेडिकल एजुकेशन के लिए साइंस, बिजनेस के दृष्टिकोण से कॉमर्स और सरकारी नौकरी के लिए आर्ट्स यानी कला संकाय की पढ़ाई करनी चाहिए। जबकि ऐसा नहीं।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने खोले लर्निंग के नए रास्ते
केंद्र सरकार ने 21वीं सदी की शिक्षा व्यवस्था को नए आयाम देने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) जारी की थी। इसके बाद से ही शिक्षा जगत में काफी बदलाव देखने को मिले। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से इंजीनियरिंग दाखिले के लिए होने वाली जेईई मेन परीक्षा आदि के पीसीएम यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। इसके अलावा इंजीनियरिंग करने के इच्छुक छात्रों के लिए कई वैकल्पिक विषय मान्य कर दिए, जो पहले दूसरे संकाय यानी आर्ट्स और कॉमर्स में आते थे। इस व्यवस्था से विभिन्न संकाय या स्ट्रीम के छात्र अब इंजीनियरिंग में दाखिला लेकर अपने सपने साकार कर पा रहे हैं।
अपनी रूचि के अनुसार करें विषयों का चुनाव
सीबीएसई शिक्षा प्रणाली के जानकार और पूर्व प्राचार्य डॉ रंजीत सिंह के अनुसार, सामान्य तौर पर साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स में से क्या बेहतर है? इस सवाल से ज्यादा जरूरी और अहम ये है कि छात्र की रूचि किसमें है? क्या वह अपनी रूचि के अनुसार पढ़ाई कर पा रहा है अथवा नहीं? राज्य बोर्ड के पाठ्यक्रमों के अनुसार, कक्षा 11वीं और 12वीं में छात्र किसी भी संकाय में पढ़ रहा हो तो उसे तीन विषय वैकल्पिक और दो विषय अनिवार्य तौर पर पढ़ाए जाते हैं। डॉ रंजीत सिंह के अनुसार, हिंदी भाषी राज्यों में अनिवार्य विषयों में एक हिंदी है तथा दूसरी अंग्रेजी भाषा है। जबकि तीन वैकल्पिक विषय, उस संकाय में उपलब्ध विषयों से हो सकते हैं, जो संबंधित स्कूल में पढ़ाए जा रहे हैं।
आर्ट्स के स्टूडेंट के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट फायदेमंद
वहीं, सीबीएसई में कक्षा 11वीं के छात्रों को अपनी स्ट्रीम में उपलब्ध विषयों में से वन लैंग्वेज और चार इलेक्टिव सब्जेक्ट चुनने होते हैं। डॉ रंजीत सिंह के अनुसार, एक छात्र किसी भी कॉम्बिनेशन में एक भाषा और कोई भी चार ऐच्छिक चुन सकता है, बशर्ते इसे स्कूल में पढ़ाया जा रहा हो। इसके अलावा, बोर्ड द्वारा प्रस्तावित विषयों में से एक अतिरिक्त छठा विषय भी निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ा जा सकता है। डॉ सिंह की माने तो आर्ट्स के स्टूडेंट आर्ट एंड क्राफ्ट पढ़ सकते हैं, यह विषय उनके पास प्रतिशत बढ़ाने में मददगार होगा, क्योंकि इसमें 70 फीसदी प्रैक्टिकल और 30 फीसदी थ्योरी है। कॉमर्स के स्टूडेंट बिजनेस स्टडीज, अकाउंटेसी, इकोनॉमिक्स, मैथ्स और स्टेटेटिक्स आदि में से चुन सकते हैं। एंटरप्रैन्योरशिप और आईटी यानी कंप्यूटर साइंस भी अच्छे विकल्प हैं।
इंजीनियरिंग के लिए विकल्प ज्यादा
मसलन, किसी स्कूल साइंस स्ट्रीम के लिए बायोलॉजी, मैथेमेटिक्स, एग्रीकल्चर, केमिस्ट्री और फिजिक्स आदि पांच विषय हैं, तो छात्र को इन्हीं में से तीन चुनने होंगे। डॉ रंजीत सिंह बताते हैं कि जो छात्र मेडिकल एजुकेशन के लिए नीट क्वालीफाई करना चाहते हैं तो वे बायोलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स आदि तीन विषय पढ़ते रहे हैं। वही, जो छात्र इंजीनियरिंग में जाना चाहते हैं तो उन्हें सामान्य तौर पर मैथेमेटिक्स, केमिस्ट्री और फिजिक्स आदि विषय पढ़ने होते हैं। एग्रीकल्चर के लिए ज्योग्रॉफी और केमिस्ट्री अच्छा विकल्प है। हालांकि, अब कुछ स्कूल में आईटी या कंप्यूटर साइंस, फिजिकल एजुकेशन, एंटरप्रैन्योरशिप और ज्योग्रॉफी जैसे विषयों में से एक चुनने का ऑप्शन भी मिलता है। विषय चुनते समय छात्र को ध्यान रखना होगा कि संबंधित स्कूल में उस विषय की क्लास, छात्र द्वारा चुने गए अन्य वैकल्पिक विषय की क्लास से न टकराए।
ऐसे समझें बदलाव को, इंजीनियरिंग में पीसीएम की बाध्यता खत्म
डॉ रंजीत सिंह ने बताया कि एआईसीटीई के नए नियमों के अनुसार, इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्र-छात्राओं को भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित विषय की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब जीव विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, तकनीकी व्यावसायिक विषय जैसे जैव प्रौद्योगिकी, कृषि, बिजनेस स्टडीज और अभियांत्रिकी आदि में से किन्हीं तीन विषयों के साथ 12वीं कक्षा पास होनी चाहिए।