एजबेस्टन टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 146 रन की पारी खेलने के बाद ऋषभ पंत लगातार चर्चा में बने हुए हैं। अपनी इस पारी के दौरान पंत ने कई रिकॉर्ड बनाए और भारत को बेहतर स्थिति में पहुंचाया। इस दौरान ऋषभ पंत टेस्ट में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए। शतकीय पारी खेलने के बाद पंत ने बताया है कि किस मानसिकता के चलते उन्हें सफलता मिली है और कैसे उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी। पंत ने बताया कि वो इस प्लान के साथ बल्लेबाजी के लिए उतरे थे कि उन्हें इंग्लैंड के गेंदबाजों को मानसिक रूप से अस्थिर कर देना है। पंत अपने प्लान में पूरी तरह कामयाब रहे। जब उन्होंने एक छोर से आक्रामक बल्लेबाजी शुरू की तो इंग्लैंड के गेंदबाज जडेजा को आउट करने के बारे में भी नहीं सोच पाए। इसी वजह से जडेजा ने दूसरे छोर पर आसानी से बल्लेबाजी की।
पंत ने भारत को मुश्किल से निकाला
ऋषभ पंत इस पारी में जब बल्लेबाजी के लिए आए थे तो भारत का स्कोर पांच विकेट के नुकसान पर 98 रन था। इसके बाद ऋषभ पंत ने पलटवार किया और रवींद्र जडेजा के साथ 222 रन की साझेदारी की। उन्होंने 111 गेंदों में 19 चौके और चार छक्कों की मदद से 146 रन बनाए। जब पंत आउट हुए तो भारत का स्कोर छह विकेट पर 320 रन था। पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद पंत ने कहा “इंग्लैंड के हालातों में जब कोई गेंदबाज गेंद को आगे पिच कराता है तो उसकी लय तोड़ना जरूरी होता है। मेरा यही मानना है। मैं अगल तरीके से खेलने की कोशिश नहीं करता हूं, बल्कि मैं कई तरह के शॉट खेलने की कोशिश करता हूं। कभी मैं कदमों का इस्तेमाल करता हूं तो कभी बैकफुट पर खेलता हूं। मैं क्रीज का अच्छा इस्तेमाल करता हूं। गेंदबाजों को मानसिक रूप से अस्थिर करना जरूरी है फिर चीजें अपने आप होने लगती हैं। इसके लिए पहले से प्लानिंग नहीं की थी। मैं सिर्फ इस चीज पर ध्यान देता हूं कि गेंदबाज क्या करने की कोशिश कर रहे हैं।”
डिफेंस पर काम किया
पंत ने आगे कहा “हां मैंने अपने डिफेंस पर काफी काम किया है। मेरे कोच तारक सिन्हा सर ने काफी पहले बताया था कि तुम किसी गेंदबाज के खिलाफ कभी भी आक्रामक शॉट खेल सकते हो, लेकिन इसी के साथ उन्होंने हमेशा डिफेंस पर जोर दिया था। आप हर गेंद में अटैक या डिफेंस नहीं कर सकते। मैं हर गेंद पर ध्यान देता हूं और उसके हिसाब से खेलने की कोशिश करता हूं। अच्छी गेंद को सम्मान देना अच्छी बात है। मैं डिफेंस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा हूं, बल्कि अपने खेल पर ज्यादा ध्यान दे रहा हूं।” उन्होंने कहा “मैं कई बार कुछ अलग शॉट खेलता हूं, लेकिन यह अपना सब कुछ देने के बारे में है। अगर कोई गेंद मारने के लायक है तो मैं उसे मारता हूं। मैं इसे कुछ समय के लिए बनाए रखता हूं और यह वाकई में मेरे लिए फायदेमंद है।”
डिफेंस पर काम किया
पंत ने आगे कहा “हां मैंने अपने डिफेंस पर काफी काम किया है। मेरे कोच तारक सिन्हा सर ने काफी पहले बताया था कि तुम किसी गेंदबाज के खिलाफ कभी भी आक्रामक शॉट खेल सकते हो, लेकिन इसी के साथ उन्होंने हमेशा डिफेंस पर जोर दिया था। आप हर गेंद में अटैक या डिफेंस नहीं कर सकते। मैं हर गेंद पर ध्यान देता हूं और उसके हिसाब से खेलने की कोशिश करता हूं। अच्छी गेंद को सम्मान देना अच्छी बात है। मैं डिफेंस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा हूं, बल्कि अपने खेल पर ज्यादा ध्यान दे रहा हूं।” उन्होंने कहा “मैं कई बार कुछ अलग शॉट खेलता हूं, लेकिन यह अपना सब कुछ देने के बारे में है। अगर कोई गेंद मारने के लायक है तो मैं उसे मारता हूं। मैं इसे कुछ समय के लिए बनाए रखता हूं और यह वाकई में मेरे लिए फायदेमंद है।”