गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में भाजपा के 156 प्रत्याशी चुनाव जीत गए। कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस 77 सीटों से सीधे 17 पर आ गई। मतलब कांग्रेस को 60 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, इस बार सरकार बनाने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के केवल पांच प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाए। एक सीट पर सपा उम्मीदवार विजयी हुए तो बाकी तीन सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं। नर्मदा जिले की डेडीयापाडा विधानसभा सीट पर भाजपा ने हितेशकुमार वसावा को उतारा था। उनके सामने आप के चैतरभाई दामजीभाई वसावा थे। यहां आप के चैतरभाई दामजीभाई वसावा ने भाजपा के हितेशकुमार वसावा को 40,282 वोटों से हराया। भाजपा उम्मीदवार को 63,151 वोट जबकि आप को यहां 1,03,433 वोट मिले। डेडीयापाडा में तीसरे नंबर पर कांग्रेस रही। कांग्रेस की जेरमाबेन वसावा को 12,587 वोट मिले जो कुल वोट का 6.8 फीसदी रहा। यानी, जेरमाबेन वसावा अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं। वहीं, बीटीपी उम्मीदवार बहादुरसिंग वसावा भी अपनी जमानत नहीं बचा सके। उन्हें महज 2,991 वोट मिले। डेडीयापाडा के 2,974 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। डेडीयापाडा सीट पर इस बार कुल चार उम्मीदवार ही मैदान में थे। इस बार महज 2,991 वोट पाने वाली बीटीपी 2017 में इस सीट पर जीती थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीटीपी के महेशभाई वसावा ने भाजपा के मोतीलाल वसावा को 21 हजार वोटों से हराया था। यहां इस कुल नौ उम्मीदवार मैदान में थे। इन दोनों के अलावा बाकी सात उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। पिछले विधानसभा चुनाव में नर्मदा जिले की दो में से एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी, जबकि एक सीट पर बीटीपी उम्मीदवार जीतने में सफल रहा था। यहां भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी। 1995 के विधानसभा चुनाव बाद इस सीट कोई भी दल लगातार दो बार चुनाव नहीं जीता है। 1995 में यहां भाजपा मोतीलाल वसावा जीते थे। 1998 में जनता दल के अमर सिंह वसावा को जीत मिली तो 2002 में जनता दल युनाइटेड के महेशभाई वसावा जीते। 2007 में के टिकट पर अमरसिंह वसावा को जीत मिली। वहीं, 2012 में यहां से भाजपा के मोतीलाल वसावा जीते थे।
1995 से यहां कोई भी पार्टी लगातार दो चुनाव नहीं जीत सकी, इस बार चली AAP की झाड़ू
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