मुंबई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मुंबई में एक स्पेशल एनआईए कोर्ट के सामने एंटीलिया बम कांड और मनसुख हिरेन हत्या के मामलों में अपनी चार्जशीट पेश की। एनआईए ने शुक्रवार को बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने वाजे के अलावा पूर्व ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ प्रदीप शर्मा और कुछ अन्य पूर्व पुलिसकर्मी भी इस मामले में आरोपी हैं।
बचाव पक्ष के एक वकील ने बताया कि पिछले महीने जांच एजेंसी को कोर्ट ने प्रक्रिया पूरी करने के लिए 30 और दिन की मंजूरी दी थी। इस अवधि के समाप्त होने से दो दिन पहले एजेंसी ने यह चार्जशीर्ट दाखिल की है। यह मामला इस साल 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के निकट विस्फोटक सामग्री वाली कार मिलने से संबंधित है। इसके अलावा ठाणे के एक व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत से भी यह जुड़ा है जिनका शव एक नाले से बरामद किया गया था।
यह है पूरा मामला
दरअसल दक्षिण मुंबई में मुकेश अंबानी के बहुमंजिला घर ‘एंटीलिया’ के निकट 25 फरवरी को एक स्कॉर्पियो गाड़ी लावारिस खड़ी मिली थी। 25 फरवरी की दोपहर में पुलिस ने कार से 20 जिलेटिन विस्फोटक की छड़ें बरामद की थीं। मामले की जांच उस समय मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात सचिन वाजे ने अपने हाथ में ले ली थी। हालांकि बाद में इसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई। इसके बाद 5 मार्च को स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ। इस मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। इस बीच एनआईए ने 13 मार्च को मुंबई क्राइम ब्रांच के सचिन वाजे को गिरफ्तार किया। बाद में दोनों मामलों की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।
यह है पूरा मामला
दरअसल दक्षिण मुंबई में मुकेश अंबानी के बहुमंजिला घर ‘एंटीलिया’ के निकट 25 फरवरी को एक स्कॉर्पियो गाड़ी लावारिस खड़ी मिली थी। 25 फरवरी की दोपहर में पुलिस ने कार से 20 जिलेटिन विस्फोटक की छड़ें बरामद की थीं। मामले की जांच उस समय मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात सचिन वाजे ने अपने हाथ में ले ली थी। हालांकि बाद में इसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई। इसके बाद 5 मार्च को स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ। इस मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। इस बीच एनआईए ने 13 मार्च को मुंबई क्राइम ब्रांच के सचिन वाजे को गिरफ्तार किया। बाद में दोनों मामलों की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।