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BMC स्वास्थ्य विभाग में उजागर हुई लापरवाही…मेडिकल सामानों की खरीदारी में विलंब, 20 लोगों को नोटिस

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मुंबई
मुंबईकरों के स्वास्थ्य के प्रति बीएमसी अधिकारी कितने लापरवाह हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दवा एवं मेडिकल सामानों की खरीदने की फाइल 8 महीने तक टेबल-टेबल घूमती रही। मामला सामने आने के बाद बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने उपायुक्त संजय कुराडे जिनके पास हेल्थ विभाग है और उपायुक्त संजोग कबरे को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। सात दिनों में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। वहीं, सेंट्रल पर्चेज डिपार्टमेंट (सीपीडी) के अधिकारियों सहित 20 लोगों को नोटिस जारी किया गया है।

बता दें कि मॉनसून के दौरान बीमारियों के इलाज के लिए दवा और मेडिकल सामानों की खरीदी का 53 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया था। सेंट्रल पर्चेज डिपार्टमेंट ने फाइल को मंजूरी के लिए मेयर के पास भेज दिया। मेयर किशोरी पेडणेकर ने कहा कि उनके पास सिर्फ 75 लाख रुपये तक की सामान खरीदी को मंजूरी देने का अधिकार है, फिर 53 करोड़ रुपये की फाइल उनके पास क्यों भेजी गई! विपक्षी भाजपा ने इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने इसकी शिकायत ऐंटि करप्शन ब्यूरो से की है।


मेयर के पास सितंबर 2020 में गई थी फाइल

इस बाबत सीपीडी का कहना है कि मेयर के पास सितंबर, 2020 में फाइल मंजूरी के लिए भेजी गई थी। फाइल पर मई, 2021 तक मंजूरी नहीं मिल पाई थी। मेयर कार्यालय में फाइल मंजूरी के लिए 18 बार रिमाइंडर भेजा गया। वहीं, मेयर कार्यालय का कहना है कि फाइल सीपीडी विभाग के प्रमुख उपायुक्त के पास भेज दी गई है। जबकि सीपीडी विभाग का कहना है कि फाइल न मिलने के कारण ड्यूप्लिकेट फाइल तैयार की गई।

मेयर ने बीएमसी प्रशासन पर मढ़े आरोप

मेयर किशोरी पेडणेकर ने बीएमसी प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें लगता है कि जान-बूझकर समय बिताने के लिए फाइल को इस तरह घुमाया गया है। इस पूरे मामले की हाई लेवल इंक्वायरी करने का निर्देश दिया है, साथ ही दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

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