तालिबान का कहना है कि उसने अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बीच तालिबान के नेता मुल्ला अब्दुल गनी बराबाद ने पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद से मुलाकात की है। खुद तालिबान ने इस बात की पुष्टि की है। सरकार गठन की प्रक्रिया के बीच आईएसआई के चीफ से तालिबान की इस मुलाकात को लेकर माना जा रहा है कि उसने नई सरकार बनाने के लिए सलाह मशविरा किया होगा। बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि बीते सप्ताह आईएसआई चीफ काबुल पहुंचे थे।
बीते महीने तालिबान के कब्जा जमाने के बाद से किसी भी देश के शीर्ष अधिकारी के काबुल पहुंचने का यह पहला मौका था। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि बीते सप्ताह एक अघोषित यात्रा पर आईएसआई के चीफ काबुल पहुंचे थे और इस दौरान उनकी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात हुई थी। मुजाहिद ने कहा कि तालिबान ने पाकिस्तान को भरोसा दिलाया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल उसके खिलाफ नहीं हो सकेगा। इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया में भी ऐसी खबरें थीं कि हमीद की लीडरशिप में एक डेलिगेशन तालिबान के आमंत्रण पर काबुल पहुंचा है। हालांकि तालिबान ने कहा था कि इस यात्रा का प्रस्ताव खुद पाकिस्तान की ओर से रखा गया था।
रविवार को तालिबान ने कहा था कि आईएसआई के चीफ दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए बातचीत के मकसद से आए थे। तालिबान के कल्चरल कमिशन के डिप्टी हेड अहमदुल्लाह वासिक ने कहा था कि लेफ्टिनेंट जनरल हमीद से दोनों देशों के रिश्तों को लेकर बात हुई है। इसके अलावा तोरखाम और स्पिन बोल्डाक पास पर लोगों के फंसने को लेकर भी बात हुई थी।
वासिक ने कहा था कि पाकिस्तानी पक्ष इन मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत करना चाहता था, जिसे हमने स्वीकार कर लिया था। इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगने वाले चमन बॉर्डर को बंद कर दिया था। यह तोरखाम बॉर्डर के बाद दोनों देशों के बीच वित्तीय दृष्टि से दूसरी सबसे बड़ी सीमा चौकी है।
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