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PAN कार्ड की शर्तें आसान होने से कारोबारियों को मिल सकती है राहत, नहीं जमा कराने होंगे ये कागजात

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को मोदी सरकार देश का पांचवा बजट पेश करने जा रही है। इस बजट में वित्त मंत्री कई नियमों में बदलाव कर सकती हैं। वहीं कई योजनाओं की घोषणाएं भी कर सकती हैं। जानकारी के अनुसार, व्यापारियों को राहत देते हुए सरकार इस बजट में सभी तरह की कारोबारी पहचान के लिए पैन कार्ड से संबंधित नियम और कानून में बदलाव कर सकती है। वित्त मंत्रालय से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि सरकार कारोबारियों को विभिन्न प्रकार की मंजूरी के लिए पैन कार्ड को एकल दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल करने का बजट में निर्देश जारी कर सकती है। इसके लिए वित्त अधिनियम, 2023 में अलग से प्रावधान किया जा सकता है। इससे किसी भी कारोबारी इकाई की प्राथमिक पहचान के रूप में कानूनी तौर पर पैन कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस प्रावधान से किसी इकाई के पैन का अन्य मौजूदा पहचान पत्रों या क्रमांकों के साथ मिलान संभव हो पाएगा। बाद में केंद्र एवं राज्यों के विभिन्न कानूनों में इसे अधिसूचित किया जाएगा। दरअसल, वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त राजस्व सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने दिसंबर माह में सरकार को पैन के इस्तेमाल से जुड़े मामले में अपनी सिफारिश सौंपी थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यह काम चरणबद्ध तरीके से होना चाहिए और सबसे पहले केंद्रीय विभागों जैसे जीएसटीआईएन में इसकी शुरुआत होनी चाहिए। सभी तरह की मंजूरी, पंजीयन और लाइसेंस आदि के लिए एकमात्र दस्तावेज के रूप में पैन का इस्तेमाल शुरू करने के लिए विभागों को एक वर्ष का समय दिया जाना चाहिए। व्यापारी संगठनों का कहना है कि इस समय केंद्र और राज्यों के स्तर पर 20 अलग-अलग पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल होता है। इनमें जीएसटीआईएन, टीआईएन, टीएएन, ईपीएफओ, सीआईएन आदि शामिल हैं। ऐसा होने पर कारोबारियों पर अनुपालन संबंधी बोझ कम हो जाएगा और कारोबार करना सुगम हो जाएगा। इतना ही नहीं, इससे सरकार को सूचना साझा करने में अधिक आसानी होगी और विभिन्न एजेंसियों एवं विभागों के बीच परिचालन भी बढ़ जाएगा।

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