भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने कहर बरपा रखा है। देश में रोजाना नए मामलों की संख्या एक लाख पार कर गई है। बढ़ते मामलों को देखते हए तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ माना गया यह घातक वायरस पिछले साल नवंबर में पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। पिछले दो महीनों में यह वेरिएंट तेजी से दुनिया के सभी कोनों में फैल गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा साझा किए गए नए आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले सप्ताह में दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के लगभग 10 मिलियन नए मामले आए जिसमें ओमीक्रोन के सबसे अधिक मामले थे।
ओमीक्रोन को हल्के में न लें- केरखोव कहा कि दुनियाभर में हम जितने मामले देख रहे हैं, वह वास्तव में आश्चर्यजनक है। बेशक इसमें अस्पताल में भर्ती होने के कम जोखिम हैं लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें क्लिनिकल देखभाल की आवश्यकता है, जो अस्पताल में भर्ती हैं। जिन देशों में कोविड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, वहां पिछले साल दिसंबर के अंत से अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ओमीक्रोन के कारण बढ़ने वाले मामलों की संख्या अस्पतालों पर दबाव डाल रही है।
WHO ने बताया तेजी से फैल रहा है ओमीक्रोन वायरस
पहला कारण, आसानी से प्रसारित होने वाला वायरस
करखोव ने कहा कि कई कारणों की वजह से ओमीक्रोन वायरस लोगों में बहुत आसानी से प्रसारित होता है। पहला कारण यह है कि वायरस में पाए जाने वाले म्यूटेशन इसे मानव कोशिकाओं का अधिक आसानी से पालन करने की अनुमति देते हैं।
दूसरा कारण, प्रतिरक्षा का कमजोर होना
तीसरा कारण, वायरस का ऊपरी श्वसन पथ में रहना
मारिया वैन करखोव ने बताया कि ओमीक्रोन के इतनी आसानी से फैलने की एक वजह यह भी है कि यह वेरिंतडेल्टा और कोरोना के अन्य वेरिएंट के विपरीत ऊपरी श्वसन पथ में अपना घर बना रहा है। इस तरह यह वेरिएंट सबसे अलग है। बाकी वेरिएंट फेफड़ों और निचले श्वसन पथ में हमला करते हैं।
ओमीक्रोन के फैलने के अन्य कारण
केरखोव ने बताया है कि अध्ययनों से पता चला है कि डेल्टा संस्करण की तुलना में ओमीक्रोन से गंभीर बीमारी होने का जोखिम कम है। लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि वायरस का प्रसार लोगों द्वारा अधिक मिलने-जुलने, मास्क नहीं पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन नहीं करने की वजह से भी फैल रहा है।
ओमीक्रोन की रोकथाम के उपाय
केरखोव ने कहा कि वायरस के जोखिम को कम करना बहुत जरूरी है ताकि हम उन मामलों की संख्या को कम कर सकें ताकि स्वास्थ्य प्रणाली के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों पर बोझ न पड़े। इसके लिए कुछ उपाय सरल हैं जिनमें टीकाकरण, सामाजिक दूरी का पालन करना, बड़ी सभाओं से बचना आदि शामिल हैं। लोगों को उन सभी उपायों का पालन करना चाहिए, जो उन्हें इससे सुरक्षित रख सकते हैं।