रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बाहरी अंतरिक्ष संधि के प्रस्ताव को वीटो लगाकर रोक दिया। इससे अमेरिका नाराज हो गया है। अमेरिका ने रूस पर आरोप लगाया है कि रूस सैटेलाइट ले जाने वाले परमाणु हथियार को विकसित कर रहा है और इसी वजह से उन्होंने इस प्रस्ताव को वीटो किया। बाहरी अंतरिक्ष संधि के तहत अंतरिक्ष में खतरनाक हथियारों जिनमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं, उनकी तैनाती पर रोक लगाने की तैयारी थी। हालांकि रूस के वीटो के कारण अमेरिका की यह मंशा पूरी नहीं हो सकी।
अमेरिका ने रूस पर बोला हमला
बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने एक बयान में कहा कि ‘जैसा कि हमने पहले भी नोटिस किया है, रूस, सैटेलाइट ले जाने वाले परमाणु हथियारों को विकसित कर रहा है। हमने सुना है कि राष्ट्रपति पुतिन ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि रूस के अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों को तैनात करने की कोई योजना नहीं है। अगर ऐसा है तो रूस ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो क्यों किया।’ सुलिवन ने कहा कि ‘अमेरिका और जापान द्वारा संयुक्त रूप से लाए गए प्रस्ताव से यह तय हो जाता कि अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती मौलिक दायित्वों के खिलाफ है। प्रस्ताव में सदस्य देशों से पृथ्वी की कक्षा में तैनात किए जा सकने वाले परमाणु हथियार न बनाने की भी मांग की गई थी।’ अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि ‘पृथ्वी की कक्षा में परमाणु हथियारों की तैनाती से संचार, वैज्ञानिक, मौसमी, कृषि, व्यवसायिक और राष्ट्रीय सुरक्षा सेवाओं के बाधित होने का खतरा है।’ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने भी रूस के कदम की आलोचना की और कहा कि रूस ने जिम्मेदारी से मुंह मोड़ा है। उन्होंने कहा कि ‘बेशक, यह पहली बार नहीं है, जब रूस ने वैश्विक हथियार अप्रसार की कोशिशों को विफल किया है। बीते कुछ वर्षों से रूस खतरनाक हथियारों के मुद्दे पर गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहा है। यह हथियार नियंत्रण के मुद्दे पर चर्चा से भाग रहा है।’
अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती के खिलाफ प्रस्ताव पर रूस का वीटो, अमेरिका बोला- इनकी नीयत में खोट
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