लंदन
ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बनाने वाली वैज्ञानिकों में से एक सारा गिल्बर्ट ने भविष्य की महामारियों को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भविष्य की महामारियां कोरोना वायरस से भी अधिक घातक हो सकती हैं। सारा ने यह भी कहा कि हमें कोरोना महामारी से सीखे गए सबक को बर्बाद नहीं करना चाहिए और दुनिया को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अगले वायरल हमले के लिए तैयार है।
वर्ल्डोमीटर के अनुसार, कोरोना वायरस से दुनियाभर में अभी तक 5273310 लोगों की मौत हो चुकी है। आर्थिक उत्पादन में खरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं, इससे करोड़ों लोगों के जीवन पर भी बुरा असर पड़ा है। कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देशों में अमेरिका, भारत, ब्राजील, ब्रिटेन, रूस, तुर्की और फ्रांस शामिल हैं। हाल में ही खोजे गए नए वेरिएंट ओमीक्रोन से दक्षिण अफ्रीका में हाहाकार मचा हुआ है।
सारा गिल्बर्ट ने कहा- अगली महामारी बदतर हो सकती है
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, रिचर्ड डिम्बलबी लेक्चर में सारा गिल्बर्ट ने कहा कि सच्चाई यह है कि अगली महामारी बदतर हो सकती है। यह अधिक संक्रामक या अधिक घातक या दोनों हो सकती है। यह आखिरी बार नहीं होगा जब कोई वायरस हमारे जीवन और हमारी आजीविका के लिए खतरा हो। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में वैक्सीनोलॉजी के प्रोफेसर गिल्बर्ट ने कहा कि दुनिया को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अगले वायरस के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो।
कोरोना को खत्म करने के प्रयास काफी नहीं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी को खत्म करने के प्रयास असमान और टुकड़ों में बंट रहे हैं। कम आय वाले देशों में कोविड वैक्सीन की सीमित पहुंच है, जबकि अमीर देशों में स्वस्थ और धनी लोगों को को बूस्टर डोज दिए जा रहे हैं। कोरोना महामारी से निपटने की समीक्षा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी एक स्थायी पैनल को बनाया है, जो हर देश की स्थिति की जानकारी जुटा रही है।