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उपराष्ट्रपति की नकल से संवैधानिक पद की गरिमा कम होती है, बोले पूर्व कानून मंत्री

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कांग्रेस नेता और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा है कि उपराष्ट्रपति की नकल संवैधानिक पद की गरिमा को कम करता है। उन्होंने कहा कि संसद से सांसदों का निलंबन अनुचित है। बता दें कि संसद के मकर द्वार पर अन्य निलंबित सांसदों के साथ विरोध प्रदर्शन के दौरान कल्याण बनर्जी को उपराष्ट्रपति की नकल करते देखा गया था, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपने फोन का उपयोग करके तृणमूल सांसद का वीडियो बनाते देखा गया था। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति की मिमिक्री पर बोलते हुए अश्विनी कुमार ने कहा, ‘मिमिक्री कभी एक कला का रूप ले लेती है तो कभी दूसरा रूप ले लेती है। अगर उपराष्ट्रपति इस नकल से आहत हैं तो यह उनका अपना अनुभव है, लेकिन मुख्य मुद्दा ये नहीं है, मुद्दा ये है कि क्या हम इसके लिए संसद सदस्यों को निलंबित कर सकते हैं, मेरा मानना है कि यह अनुचित है।’ अश्विनी कुमार ने कहा, ‘मेरा मानना है कि उपराष्ट्रपति को लेकर जिस तरह की मिमिक्री की गई है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। इससे उपराष्ट्रपति पद की प्रतिष्ठा कम होती है और अगर किसी संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा कम होती है तो आप मान सकते हैं कि हमारे संविधान का लोकतंत्र प्रभावित होता है।’ पूर्व कानून मंत्री ने आगे कहा, ‘मैं यह भी कहूंगा कि अगर ऐसा कुछ हुआ भी है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप संसद के सदस्यों को निलंबित कर दें। यह एक बड़ा कदम है और किसी भी सांसद को संसद में अपनी बात रखने का अधिकार है।’ अगर आप ऐसे सांसदों को बाहर निकालने लगेंगे तो ये लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है और ऐसा नहीं होना चाहिए, ये बिल्कुल भी सही प्रक्रिया नहीं है। अश्वनी कुमार ने आगे कहा जब कोई दूसरी पार्टी सत्ता में आएगी तो वह भी ऐसा ही करेगी। जब संसद पूरी तरह खत्म हो जाएगी तो देश में लोकतंत्र की बात करना नामुमकिन है। पूर्व कानून मंत्री ने आगे कहा, मेरा मानना है कि सांसदों का निष्कासन बिल्कुल भी उचित नहीं है। दोनों सदनों में हंगामा करने और कार्यवाही बाधित करने के लिए अब तक कुल 143 सांसदों – लोकसभा से 97 और राज्यसभा से 46 – को निलंबित कर दिया गया है।

पिछले 20 वर्षों में अपने विपक्षी नेताओं के अपमान पर जवाब दें पीएम मोदी

कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी, जयराम रमेश ने बुधवार को पिछले 20 वर्षों में अपने राजनीतिक विरोधियों का अपमान करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रतिक्रिया मांगी। उन्होंने कहा कि और कहा कि बीजेपी नेता असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए मिमिक्री विवाद को हवा दे रहे हैं। इस संबंध में जयराम रमेश ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें पीएम मोदी सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साध रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह पिछले बीस साल से अपमान सह रहे हैं, लेकिन पिछले 20 वर्षों में जिस तरह से उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों का अपमान किया है और उनके खिलाफ अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, उसके बारे में वह क्या कहेंगे? असल मुद्दे से ध्यान भटकाने का यह उनका घिसा-पिटा तरीका है।