नई दिल्ली
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा से भी कृषि कानून निरसन विधेयक पास हो गया है। इससे पहले लोकसभा में भी यह बिल पास हो चुका है। इस तरह शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन संसद के दोनों सदनों से तीनों कृषि कानून वापसी बिल पारित हो गया है जिनके विरोध में पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन हो रहा है। अब इसमें राष्ट्रपति की मुहर लगनी बाकी है। सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे के साथ शुरू हुआ। इसके बावजूद सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा से तीन कृषि कानूनों को निरस्त कराने का विधेयक पारित करा लिया है। हालांकि ऐसा विपक्ष की नारेबाजी के बिना नहीं हो सका। हंगामे के बीच दोनों सदनों में ध्वनिमत से विधेयक पारित कराए गए। स्पीकर ने लोकसभा को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है।
कांग्रेस का आरोप- उपचुनाव के नतीजे देखकर लिया फैसला
लोकसभा के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक पेश किया था। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी बात रखी थी। राज्यसभा में खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार ने उपचुनाव के नतीजे देखने के बाद कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया। खड़गे ने कहा कि आगे पांच राज्यों में चुनाव है, इसलिए सरकार को लगा कि अड़े रहे तो कड़ा नुकसान हो सकता है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसके जवाब में कहा कि ‘हम किसानों को समझाने में सफल नहीं हुए इसलिए प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक बड़प्पन का परिचय दिया।’
‘लोकसभा में चर्चा होनी चाहिए थी’
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘आज कृषि कानून निरसन विधेयक बिना चर्चा के लोकसभा में पास किया गया हम उसे सपोर्ट करते हैं लेकिन हम ये चाहते थे कि उस पर चर्चा हो कि क्यों इतनी देर हुई और दूसरे मुद्दे भी हैं जिन पर चर्चा हो, लेकिन उन्होंने (सरकार) टालने की कोशिश की। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में बिल पास होने के बाद कहा, ‘MSP लीगल गारंटी के साथ लागू की जाए। 35,000 किसानों को झूठे केसों में फसाया गया उन्हें मुक्त कराने की मांग और आंदोलन के दौरान मृतक 700 किसानों को मुआवजा देने की मांग पर सदन में चर्चा के लिए मौका दिया जाना चाहिए था, लेकिन हमें सदन में बोलने नहीं दिया गया।’
एमएसपी पर चर्चा करे सरकार: टिकैत
इससे पहले लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल पास होने पर राकेश टिकैत ने कहा कि अब सरकार एमएसपी पर चर्चा करे। उन्होंने कहा कि अब 4 दिसंबर को आगे की कार्रवाई का फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘सरकार के साथ टकराव की कोई बात ही नहीं है। अभी सरकार है कहां?’ टिकैत ने कहा कि सरकार अब दूसरे मुद्दों पर बात करे।
19 नवंबर को पीएम मोदी ने किया था ऐलान
गौरतलब है कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि उनकी सरकार तीनों कृषि कानून वापस लेने जा रही है। पीएम मोदी ने कहा था कि शायद उनकी तपस्या में कोई कमी रह गई है। पीएम ने इसी के साथ किसानों से आंदोलन खत्म करने और अपने-अपने घर लौटने की अपील की थी। हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने पूरी तरह आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जब तक संसद से कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक वह इसे जारी रखेंगे। उसके बाद ही अगला कदम उठाने की बात कही थी।