मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत अल्मोड़ा के जागेश्वर और चंपावत जिले के पूर्णागिरी मंदिर का मास्टर प्लान बनाने का काम शुरू हो गया है। केदारनाथ और बदरीनाथ की तर्ज पर इन मंदिरों में अवस्थापना विकास के काम किए जाएंगे। पहले चरण में 16 मंदिरों को पर्यटक सुविधाओं के लिए विकसित किया जाएगा। पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं मंडल के 48 प्राचीन मंदिरों में अवस्थापना विकास कार्य किए जाएंगे। पहले चरण में 16 मंदिरों को शामिल किया गया। जागेश्वर और पूर्णागिरी मंदिर का मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। इस योजना के तहत मंदिरों के स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मंदिर परिसर से एक से दो किमी. के दायरे में पार्किंग सुविधा, अप्रोच रोड, पीने के पानी, बिजली, शौचालय, कम्युनिटी हॉल, प्रसाद व भंडारा गृह, जूते रखने का स्थान समेत अन्य कार्य किए जाएंगे। मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत पहले चरण में अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, कसार देवी, नंदा देवी, पिथौरागढ़ जिले में पाताल भुवनेश्वर गंगोलीहाट, हाटकालिका मंदिर, बागेश्वर जिले में बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, चंपावत में पाताल रुद्रेश्वर गुफा, पूर्णागिरी मंदिर, देवीधुरा बाराही देवी मंदिर, बालेश्वर मंदिर, नैनीताल जिले में नैना देवी, कैंची धाम मंदिर, ऊधमसिंह नगर जिले में चैती बालसुंदरी मंदिर की डीपीआर तैयार की जा रही है। जबकि मिशन के तहत कुल 48 मंदिरों में पर्यटक सुविधाओं व सौंदर्यीकरण के लिए अवस्थापना विकास के काम किए जाएंगे।
विशेषज्ञों और मंदिर समितियों से भी लिए जा रहे सुझाव
मास्टर प्लान और डीपीआर बनाने में मंदिर समितियों, स्थानीय लोगों, विषय विशेषज्ञ, जिला प्रशासन से सुझाव लिए जा रहे हैं। जिसके आधार पर कंसलटेंसी कंपनी अवस्थापना विकास के प्लान को अंतिम रूप देगी।मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत जागेश्वर व पूर्णागिरि मंदिर का मास्टर प्लान के साथ अन्य मंदिरों की डीपीआर तैयार की जा रही है। मंदिरों में सुविधाओं का विकास होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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