संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के अध्यक्ष (पीजीए) डेनिस फ्रांसिस ने मंगलवार को कहा कि दुनिया में स्थायी शांति के लिए और विभाजन को पाटने में भारत की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। फ्रांसिस ने भारत को संयुक्त राष्ट्र का एक अहम सदस्य बताते हुए कहा कि पीजीए के तौर पर वह भारत से अनुरोध करेंगे कि भारत वैश्विक विभाजन को पाटने के लिए अपनी नेतृत्वकारी पहलों को जारी रखे। फ्रांसिस ने एक साक्षात्कार में कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत में विविधता में एकता वास्तव में बरकरार है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत सार्वभौमिकता के सिद्धांतों से भी अत्यंत आसानी से जुड़ता है, जो राज्यों की संप्रभु समानता के लिए संयुक्त राष्ट्र का आधार है। यूएन महासभा अध्यक्ष ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में, जहां संयुक्त राष्ट्र के सदस्य विभाजित हैं, महासभा के अध्यक्ष के रूप में सदस्य देशों के बीच विश्वास बहाली के प्रयास में नेतृत्व के लिए भारत की ओर देखते हैं।
भारत को वैश्विक हित के लिए प्रयास जारी रखने को करेंगे प्रोत्साहित
फ्रांसिस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत की सक्रिय भूमिका को देखते हुए वे उसे बातचीत, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय, मानवीय और मानवाधिकार कानूनों के जरिये स्थायी शांति और वैश्विक असमानता को समाप्त करने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा, वैश्विक राजनीतिक में जारी तनाव, संघर्ष व अनिश्चितता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन मानव समुदाय के अस्तित्व के लिए खतरा बना हुआ है। फ्रांसिस ने यह भी कहा कि भारत पूरी दुनिया को तीव्र और सतत विकास के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए बेहतर स्थिति में है। लिहाजा, भारत इस दिशा में आगे बढ़ते हुए दुनिया को नेतृत्व देना जारी रखे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी भारत ने निर्विवाद रूप से सच्चा नेतृत्व किया है। इसके अलावा भारत संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट में अहम योगदान देता है और लगातार संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सैनिकों के शीर्ष योगदानकर्ता के रूप में स्थान रखता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर फ्रांसिस 22 से 26 जनवरी तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस दौरान वे भारतीय नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और नागरिक समाज, प्रमुख थिंक टैंक के साथ जुड़ेंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय दौरे भी करेंगे।
दुनिया में शांति और विभाजन पाटने में भारत अहम, बोले यूएन महासभा के अध्यक्ष
83