राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने सोमवार को स्पष्ट किया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-स्नातक का प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ है। इस तरह के दावे पूरी तरह बेबुनियाद हैं। प्रत्येक प्रश्नपत्र का हिसाब रखा गया है। एनटीए की वरिष्ठ निदेशक साधना पाराशर ने छात्रों और अभिभावकों से सोशल मीडिया में चल रही अफवाह पर ध्यान न देने को कहा है। एनटीए ने रविवार को दावा किया था कि राजस्थान के एक परीक्षा केंद्र पर गलत प्रश्नपत्र वितरित किए जाने के कारण कुछ अभ्यर्थी पेपर लेकर बाहर चले गए थे। पाराशर ने कहा कि बाद में परीक्षा केंद्र के 120 प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा दोबारा आयोजित की गई। हालांकि, एनटीए ने स्वीकार किया कि कुछ गड़बड़ियां सामने आईं। इनमें शामिल उम्मीदवारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। इस वर्ष एनईईटी-यूजी के लिए रिकॉर्ड 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया। उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 3,39,125 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया।
सोशल मीडिया में प्रसारित प्रश्नपत्र फर्जी
एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित नीट यूजी 2024 का प्रश्नपत्र फर्जी है। इसका वास्तविक प्रश्नपत्र से कोई संबंध नहीं है। राजस्थान के सवाईमाधोपुर के एक सेंटर में ही सिर्फ सुरक्षा में चूक हुई है। इसके अलावा देश-विदेश के सभी केंद्रों में परीक्षा सफलतापूर्वक व शांतिपूर्ण संपन्न हुई है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के बालोद और राजस्थान समेत कई इलाकों से सवाल लीक होने की खबर सामने आ चुकी है। मेडिकल की सबसे बड़ी परीक्षा में कथित तौर पर बड़ी लापरवाही के मामले को लेकर अभिभावकों ने स्कूल कैंपस में जमकर हंगामा किया। अभिभावकों ने दोबारा परीक्षा आयोजित कराने की मांग की। बालोद में शिक्षकों को बंधक बनाकर माफीनामा मांगा गया। अभिभावकों ने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का आरोप है कि सवाल हल कराने के बाद एक पेपर को कैंसिल कराया गया।
नीट-स्नातक का प्रश्नपत्र नहीं हुआ लीक, हर पेपर का हिसाब है; अफवाह पर ध्यान न दें छात्र-अभिभावक
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