महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को विशेष अदालत से डिफॉल्ट जमानत की मांग की। उन्होंने अदालत से गुहार लगाते हुए कहा कि सीबीआई ने मामले में अपूर्ण चार्जशीट दायर की है। बता दें कि सीबीआई ने पिछले हफ्ते भ्रष्टाचार के मामले में राकांपा नेता देशमुख और उनके दो पूर्व सहयोगियों संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे के खिलाफ मामले में 59 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। देशमुख वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में है। वह मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद है। अधिवक्ता इंद्रपाल सिंह और अनिकेत निकम के माध्यम से डिफॉल्ट जमानत की मांग करने वाली अपनी याचिका में देशमुख ने दावा किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2 जून को दायर चार्जशीट अधूरी है।
देशमुख के वकील ने दी दलील
अनिल देशमुख के वकील ने कहा कि बिना जांच किए केवल 59 पृष्ठों का चार्जशीट दायर कर अभियोजन एजेंसी अनिश्चित वैधानिक अधिकार को अधीन नहीं कर सकती है। यह धारा 173 के उल्लंघन का मामला है। इसलिए आवेदक को देशमुख को डिफॉल्ट जमानत देनी चाहिए। आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 एक मामले में जांच पूरी होने पर एक पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट से संबंधित है।
परमबीर सिंह ने लगाए थे देशमुख पर उगाही के आरोप
गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पिछले साल मार्च में आरोप लगाया था कि देशमुख, जो उस समय राज्य के गृह मंत्री थे, ने पुलिस अधिकारियों को शहर के रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये लेने का लक्ष्य दिया था। देशमुख ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।