केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे को फायर ब्रांड नेता यूं ही नहीं कहा जाता। विपक्षियों पर तीखे जुबानी हमलों के अलावा वह एक्शन वाली नेता हैं। दो बार से सांसद जब तीसरे लोकसभा चुनाव के लिए परचा दाखिल करने पहुंचीं तो रैली में बाइकों का हुजूम, जय श्रीराम के जयघोष से माहौल पूरी तरह बदल गया। बंगलूरू उत्तर में शोभा का सीधा मुकाबला कांग्रेस के राजीव गौड़ा से है। शोभा 2014 में पहली बार उडुपी चिकमगलूर सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचीं। 2019 में जीत का सिलसिला बरकरार रखा तो केंद्र सरकार ने मंत्रिमंडल में जगह दी। पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में शोभा कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रहीं। भाजपा कर्नाटक की उपाध्यक्ष शोभा को इस बार भाजपा ने उन्हें बंगलूरू उत्तर से उम्मीदवार बनाया है। शोभा करंदलाजे बयानों को लेकर सुर्खियों में रहीं हैं। रामेश्वरम कैफे में विस्फोट के बाद कहा था कि आतंकी तमिलनाडु में ट्रेनिंग लेते हैं और बम कर्नाटक में आकर गिराते हैं। आयोग ने इस बयान को लेकर कार्रवाई का नोटिस भी जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने माफी मांगी थी। शोभा सनातन के विरोधियो को लेकर भी तीखे वार कर चुकी हैं। शोभा छोटी उम्र से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गई थीं। बतौर स्वयंसेवक लंबे समय तक काम करने के बाद 2004 में वह राजनीति में आईं और कर्नाटक भाजपा में कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं। संघ से पुराने नाते ने उन्हें राजनीति में अच्छी रफ्तार दी। पार्टी के अंदर भी उनका कद सही रफ्तार से बढ़ता रहा।
पहली बार 2008 में विधायक बनीं शोभा
शोभा 2008 में यशवंतपुर से विधायक बनीं और येदियुरप्पा सरकार में उन्हें ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री बनाया गया। 2012 में भाजपा छोड़कर येदियुरप्पा की केजेपी में चली गईं। 2014 में येदियुरप्पा की पार्टी के भाजपा में विलय के साथ ही शोभा वापस भाजपा में आईं और लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं।