भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने अपने देश में पढ़ रहे भारतीय छात्रों पर होने वाले हमलों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने भारतीय छात्रों से सतर्क रहने और उचित सुरक्षा सावधानी बरतने की अपील की। साथ ही कहा कि छात्रों को अपने दोस्तों के साथ जुड़े रहना चाहिए और परिसर के सुरक्षा संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए। गार्सेटी ने अमेरिका में भारतीय छात्रों के साथ हुए दुखद हादसों को स्वीकार किया। हालांकि अमेरिकी राजदूत ने यह भी कहा कि किसी भी देश में ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। उन्होंने छात्रों से सतर्क रहने और उचित सुरक्षा उपाय अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, मैंने उन कुछ परिवारों से बात की है जिनके बेटे या बेटी के साथ ऐसी वारदात हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से हमारा दिल दुखता है। हम ऐसे मामलों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। अगर किसी के माता-पिता के बच्चे के साथ ऐसा होता है तो यह स्वीकार्य नहीं है। पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए गार्सेटी ने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाने, खास तौर से छात्रों के हितों की रक्षा करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए अमेरिका की सरकार प्रतिबद्ध है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) पर गार्सेटी ने कहा कि हम इसकी निगरानी कर रहे हैं। मैंने कहा था कि धार्मिक स्वतंत्रता किसी भी लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है। कभी कभी नई दिल्ली और वाशिंगटन को कुछ चीजों पर असहमत होने का हक है। अल्पसंख्यकों की रक्षा करना बहुत महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी की सराहना करते हुए गार्सेटी ने कहा है कि युद्ध की प्रकृति में आ रहे बदलाव के बीच अमेरिका और भारत दोनों मिलकर समाधान तलाश रहे हैं। हमें ऐसे हथियार भी विकसित करने होंगे जो युद्ध की नई प्रकृति का सामना कर सकें। गार्सेटी ने कहा कि जेट इंजन और प्रीडेटर ड्रोन को लेकर दोनों देशों के बीच सौदे सही रास्ते पर हैं।
बाइडन ने भारत में वीजा प्रतीक्षा समय को कम करने को कहा