मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सैन्य ड्रोन की खरीद मामले में मुइज्जू को विपक्षी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने उन्हें सलाह दी थी कि उन्हें अपनी जिद छोड़कर भारत जैसे पड़ोसियों से संबंधों को बेहतर बनाना चाहिए। ताजा घटनाक्रम में मुइज्जू ने कहा है कि उनके पूर्ववर्ती राष्ट्राध्यक्ष ‘एक विदेशी राजदूत’ के आदेश पर काम करते थे। मुइज्जू ने इब्राहिम सोलिह पर आरोप लगाने के बाद किसी देश का नाम नहीं लिया। बता दें कि मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति को चीन हितैषी माना जा रहा है। उन्होंने अपने चुनावी अभियान के दौरान भारतीय सैनिकों को देश से वापस लौटाने की मुहिम भी छेड़ी थी। खास बात ये कि मुइज्जू ने अपने बयान के साथ किसी देश या राजनयिक का नाम नहीं लिया। उन्होंने यह टिप्पणी पब्लिक सर्विस मीडिया (PSM) के साथ इंटरव्यू के दौरान की। उन्से सैन्य ड्रोन की खरीद मामले में विपक्ष की आलोचना से जुड़ा सवाल पूछा गया था। बता दें कि संसदीय चुनावों से पहले मुख्य विपक्षी- मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने अगल-अलग मुद्दों पर मुइज्जू पर हमले तेज कर दिए हैं।
मुइज्जू का पूर्व राष्ट्रपति पर तीखा हमला
अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बारे में यह जानना भी दिलचस्प है कि मालदीव ने पहली बार अपने विशाल विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में गश्ती के लिए तुर्किये से निगरानी ड्रोन हासिल किए हैं। सैन्य ड्रोन संचालन के लिए मालदीव के नूनू एटोल माफारू में ड्रोन बेस स्थापित करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। ड्रोन से जुड़ी आलोचना पर राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा, मुख्य विपक्षी एमडीपी 2018-2023 तक सत्ता में रही। उसके पास संसद में भी सर्वोच्च बहुमत था, लेकिन पार्टी मालदीव की स्वतंत्रता की रक्षा करने में विफल रही और देश को विदेशी ताकतों के हवाले कर दिया। मुइज्जू का आरोप है कि सोलिह विदेशी राजदूत के आदेश पर काम करते थे, जिसके कारण देश को व्यापक क्षति हुई। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सोलिह ने मुइज्जू को आड़े हाथों लिया था। देश के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने कहा था कि राष्ट्रपति मुइज्जू को जिद्दी रवैया नहीं अपनाना चाहिए। वित्तीय चुनौतियों से पार पाने के लिए पड़ोसी राष्ट्रों के साथ बातचीत करनी चाहिए। सोलिह ने कहा कि मैंने कई मीडिया रिपोर्ट्स देखी है, जो बताती है मुइज्जू ऋण पुनर्गठन के लिए भारत से बात करना चाहता है। सोलिह ने कहा कि मालदीव पर चीन का 18 बिलियन मालदीव रुफिया (एमवीआर) का कर्ज है, जबकि भारत का 8 बिलियन एमवीआर का कर्ज है और भुगतान की अवधि 25 वर्ष है। मुझे विश्वास है कि हमारा पड़ोसी देश मदद करेगा। हमें जिद छोड़कर बातचीत करनी चाहिए।
मुइज्जू बोले- विदेशी राजदूत के आदेश पर काम करते थे इब्राहिम सोलिह; सैन्य ड्रोन खरीद का हो रहा विरोध
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