मुंबई
यूरोप व अमेरिका सहित अन्य देशों में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बीएमसी ने इससे निपटने के लिए तैयारी तेज कर दी है, ताकि तीसरी लहर से सफलतापूर्वक निपटा जा सके। बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल के नेतृत्व में बीएमसी प्रशासन तीसरी लहर आने से पहले कोरोना की टेस्टिंग (ज्यादा से ज्यादा आरटीपीसीआर) व ट्रेसिंग पर जोर दे रही है। साथ ही, अस्पतालों में बेड व दवाओं की उपलब्धता के साथ भंडारण बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा जंबो कोविड सेंटर सहित क्वारन्टीन की सुविधा बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। चहल ने कहा कि कोविड टेस्टिंग की संख्या बीएमसी बढ़ाने की व्यवस्था कर रही है, साथ ही कंटेन्मेंट जोन, माइक्रो कंटेन्मेंट जोन व सील फ्लोर पर कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किए जाने पर ध्यान दिया जाएगा। अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों को जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश बीएमसी के सभी 7 परिमंडलों एवं 24 वॉर्डों को दिया गया है।
काकानी ने बताया कि कोरोना मरीजों का अच्छे से उपचार करने के लिए पहली व दूसरी लहर में कोविड केयर सेंटर 1 व कोविड केयर सेंटर 2 का निर्माण किया गया है। सीसीसी 1 में बिना लक्षण वाले मरीजों का इलाज किया जाता है, वहीं सीसीसी 2 में मध्यम लक्षण वाले मरीजों का इलाज होता है। इन केंद्रों की पूरी पड़ताल कर वहां मैन पावर व अन्य सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
वर्ली के एनएससीआई में शुरू जंबो कोविड सेंटर एवं बीकेसी, गोरेगांव का नेस्को, सेवन हिल्स, भायखला, मुलुंड, दहिसर व कांजुरमार्ग जंबो कोविड सेंटर सहित सरकारी व बीएमसी अस्पतालों में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी चल रही है। जुलाई के आखिरी तक मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में 30 हजार 364 बेड्स उपलब्ध थे, जिसमें 17 हजार 697 ऑक्सिजन बेड्स, 3 हजार 788 आईसीयू बेड्स, छोटे बच्चों के उपचार के लिए 1460 बेड्स, बच्चों के लिए 230 आईसीयू बेड्स व 53 एनआईसीयू बेड्स उपलब्ध हैं।
– कोरोना को बढ़ने से रोकने का सबसे सशक्त माध्यम कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग है। अभी मुंबई में 1 कोरोना मरीज मिलने पर उसके संपर्क में आए 15 लोगों की ट्रेसिंग की जाती थी। अब यह संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई है।
– कोरोना पर नियंत्रण के लिए सभी 24 वॉर्डों में वाॉर्ड वॉर रूम गठित किया गया है। तीसरी लहर को देखते हुए वॉर रूम में क्या बदलाव किया जा सकता है, उस पर विचार चल रहा है। तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा है, इसको देखते हुए वॉर रूम में ऐसे प्रशिक्षित लोगों की ड्यूटी लगाई जाएगी, जो समय पर उचित सलाह दे सकें।
– मुंबई में कई जंबो सेंटर कार्यरत हैं, कई खुलने वाले हैं। सभी सेंटर में आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें मेडिकल सुविधा व साफ-सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है।