● यूसुफ मंसूरी । HBT
भिवंडी शहर में सालो से चलता आ रहा है मटका जुगाड़ जिस पर लगाम लगाना बेहद जरूरी था। भिवंडी शहर गरीब मजदूरों का शहर माना जाता है इस शहर में बाहर गॉव से रोजी रोटी के तलाश में आए हुए लोग बहेक गए थे यह भी भूल गए थे कि उन का कोई परिवार भी है जिनहे सम्भाल ने की जिम्मेदारी उन की है नशे के इतने आदि हो गए थे कि दिन भर की मेहनत से कमाई गई रकम को जुवे में लूटा देते थे। भिवंडी शहर में चल रहे इस माहौल को देखते हुए शहर के तेज तर्रार वकील अमोल काम्बले ने भिवंडी मटका जुगाड़ मुक्त कृति समिति का गठन किया। भिवंडी शहर से नशे का नाम व निशान मिटा देना चाहिए यह अमोल काम्बले ने ठान लिया है और अभियान चलते ही मटका जुगाड़ियो में हड़कंप सा मच गया है। इस अभियान को देखते हुए अमोल काम्बले को शहर के जागरूक नागरिकों का समर्थन मिलने लगा। भिवंडी शहर में और भी संस्थाओं ने नशा मुक्ति के लिए अलग अलग तरीको से चलाया अभियान। इस नशा मुक्ति अभियान को देखते हुए खुली प्रशासन की नींद। पर सवाल यह है के अभी भी भिवंडी के कई क्षेत्रों में चोरी चुपके मटका जुगाड़ शुरू है यह जानकारी वकील अमोल काम्बले ने हमे दी है।