मंदाकिनी ने साल 1985 में बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा था। लेकिन अभिनेत्री को पहचान फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से मिली थी। इस फिल्म में मंदाकिनी ने कई बोल्ड सीन्स दिए थे। उनका झरने के नीचे साड़ी में भीगने वाला सीन आज भी हिंदी सिनेमा में टॉप बोल्ड सीन्स में से एक माना जाता है। हालांकि, अभिनेत्री ने फिल्मी दुनिया से ब्रेक ले लिया था लेकिन अब वह कमबैक के लिए तैयार हैं। हाल ही में, मंदाकिनी ने एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने हिंदी सिनेमा में अभिनेत्रियों की कम फीस पर बात की है। मंदाकिनी ने खुलासा किया कि उन्होंने जब सिनेमा में कदम रखा था तब अभिनेत्रियों को फिल्म करने के लिए एक से डेढ़ लाख रुपये ही मिलते थे। अभिनेत्री ने बताया कि उन्हें अभिनेताओं के मुकाबले कम आंका जाता है और वेतन भी एक्टर के मुकाबले कम मिलता है। मंदाकिनी ने कहा कि उस दौर में अभिनेत्रियों को ज्यादा फीस नहीं दी जाती थी। उनका सिर्फ इस्तेमाल किया जाता था। मंदाकिनी ने आगे कहा कि हमारे समय में अभिनेत्रियों की डिमांड बहुत ज्यादा नहीं होती थी। फिल्मों में उन्हें सिर्फ कुछ गानों और रोमांटिक सीन्स के लिए इस्तेमाल किया जाता था। पहले जब हम फिल्मों में काम किया करते थे तब हमें पूरी फिल्म के लिए सिर्फ एक से डेढ़ लाख ही फीस मिला करती थी।इससे पहले मंदाकिनी ने फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में ब्रेस्ट फीडिंग वाले सीन पर चुप्पी तोड़ी थी। अभिनेत्री ने कहा था कि पहले सबको यह जानना चाहिए कि वो सीन ब्रेस्टफीडिंग का नहीं था। वो शूट इस तरह से किया गया था कि लोगों को देखने में वैसा लगा। यह फिल्म की डिमांड थी। सीन को शूट करने के पीछे भी लंबी कहानी है। उस वक्त जितना मेरा क्लीवेज दिखा है उतना तो आज लोग कपड़े पहनकर भी दिखा देते हैं। अब फिल्मों में स्कीन शो हो रहा है। वो सीन एक दम प्योर था और उसे बड़ी पवित्रता के साथ शूट किया गया था। लेकिन आजकल की फिल्मों में तो सिर्फ सेक्शुएलिटी ही नजर आती है। बता दें कि मंदाकिनी 26 साल बाद सिनेमा में वापसी कर रही हैं। वह जल्द ही ‘मां ओ मां’ गाने में नजर आएंगी। अपने कमबैक पर अभिनेत्री ने बताया था कि वह लंबे समय से एक्टिंग के क्षेत्र में फिर से कदम रखने के बारे में सोच रही थीं। लेकिन अब उनका यह सपना पूरा हो रहा है।
‘हीरोइनों का इस्तेमाल किया जाता था’, मंदाकिनी ने खोली बॉलीवुड की पोल, कम फीस मिलने पर जताया दुख
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