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‘गिरफ्तारी के डर से देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना में फूट डाली’, संजय राउत का बड़ा दावा

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उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि कथित फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तारी के डर से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने शिवसेना में फूट डाल दी। उन्होंने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लोकसभा चुनाव में हार जाएगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नई सरकार भाजपा नेताओं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ मामलों की जांच करेगी, जिन्हें बंद किया जा चुका है।  राउत ने कहा कि जब 2019-2022 तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सत्ता में थी, तब भाजपा नेताओं प्रवीण दरेकर, प्रसाद लाड, आशीष शेलार, गिरीश महाजन के खिलाफ विभिन्न मामलों में जांच चल रही थी। उन्होंने कहा, ‘अगर आप हमारे नेताओं को गिरफ्तार करते हैं, तो क्या हम आपकी पार्टी के नेताओं को छू नहीं सकते। देवेंद्र फडणवीस पर विरोधियों के फोन टैप करने का गंभीर आरोप लगा है। इस डर से कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है और सजा का सामना करना पड़ सकता है, उन्होंने शिवसेना में फूट डाल दी।’

2022 में विभाजित हुई शिवसेना
गौरतलब है, जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के अधिकांश विधायकों द्वारा पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद शिवसेना विभाजित हो गई। पिछले साल, चुनाव आयोग के साथ-साथ राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी। साथ ही धनुष और तीर चुनाव चिह्न आवंटित किया। साल 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहे फडणवीस ने गृह विभाग का भी नेतृत्व संभाला। तत्कालीन राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की प्रमुख रश्मि शुक्ला पर अवैध रूप से विपक्षी नेताओं के फोन टैप करने का आरोप लगाया गया था। पिछले साल सितंबर में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्ला के खिलाफ दो एफआईआर रद्द कर दी थीं, जो अब राज्य की पुलिस महानिदेशक हैं।